


नेपाल में सोमवार को हालात बिगड़ने के बाद गृहमंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया। नेपाल में बीस सालों में पहली बार इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है, जिसमें अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। गृहमंत्री ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को आपातकालीन कैबिनेट बैठक के दौरान उनके आधिकारिक आवास पर सौंपा। इससे पहले, उन्होंने नेपाली कांग्रेस की बैठक में भी कहा था कि वे नैतिक आधार पर पद छोड़ देंगे।
देशभर में भ्रष्टाचार और सरकार द्वारा लगाए गए सोशल मीडिया बैन के खिलाफ प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गए। केवल राजधानी काठमांडू में ही 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि सुनसरी जिले के इतहरी शहर में दो और लोगों की जान चली गई। बढ़ते तनाव के कारण सरकार ने कई हिस्सों में कर्फ्यू लगाने और सभाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया।
काठमांडू समेत अन्य जिलों में पुलिस प्रशासन ने पाबंदियां लागू की हैं। रुपन्देही जिला प्रशासन कार्यालय ने सोमवार को बुटवल और भैरहवा में शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया गया। जिला प्रमुख टोकराज पांडे ने कहा कि कर्फ्यू के दौरान किसी भी तरह की रैली, धरना, सभा या बैठक पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।
वहीं बुटवल में कर्फ्यू का दायरा धागो कारखाना पुल से बेलबास चौक तक, चिड़ियाखोला से मंगलपुर तक रखा गया है। वहीं, भैरहवा में कर्फ्यू क्षेत्र रोहिनिखोला पुल से लेकर बेथरी पुल तक, बुद्ध चौक से मेउडिहावा तक रहेगा। इसके अलावा बुटवल-बेलहिया सड़क से 100 मीटर के दायरे में सभी तरह की सभाओं और गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
इधर सुनसरी जिले के इतहरी शहर में भी हालात बिगड़ने के बाद मुख्य चौक के आसपास कर्फ्यू लागू कर दिया गया। जिला प्रमुख धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि यह कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा। लगातार बिगड़ते हालात और लोगों की मौतों के बीच सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं और इस्तीफा देने वाले गृहमंत्री का फैसला अब देश की राजनीति पर बड़ा असर डाल सकता है।